Friday, August 20, 2010

लहराया पश्चिमी यूपी का परचम


जिनमें जीतने का जज्बा और कुछ कर गुजरने का माद्दा होता है उन्हें फर्क नहीं पड़ता परिस्थितियों से। वो तब तक संघर्ष करते हैं जब तक नहीं मिलता सही मुकाम उन्हें। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से भी ऐसे कई खिलाड़ी निकले जिन्होंने अपने दम पर अपना और अपने क्षेत्र का नाम दुनिया में चमकाया।
इमरान खान
अपने पहले टेस्ट में शतक जमाने वाले सुरेश रैना को भविष्य का कप्तान माना जा रहा है। सौरभ गांगुली और उनमें कई समानताएं खोजी जा रही हैं और हमेशा से लडख़ड़ाते रहे भारतीय मध्यक्रम को संभालने का माद्दा भी इस खिलाड़ी में देखा जा रहा है। रैना को ये तारीफें देश के हर कोने से मिल रही हैं और उनके अपने क्षेत्र पश्चिमी यूपी के लिए यह 'अपने लड़के' की कामयाबी का परचम है, जिसके झोंकों में पश्चिमी यूपी का मान छुपा है। टेस्ट में सैकड़ा ठोकते ही रैना भारत के 12वें ऐसे टेस्ट खिलाड़ी बनें जिसने पहले ही मैच में शतक लगाया हो और देश के एकमात्र और दुनिया के ऐसे चौथे खिलाड़ी बन गए जो ट्वंटी-20, वनडे और टेस्ट यानि क्रिकेट के तीनों फॉरमेट में फिट बैठते हैं। इसके अलावा रैना ने भारत की तरफ से क्रिकेट के तीनों फार्मेट में सैकड़ा जडऩे का भी इतिहास रच दिया है।
क्रिकेट में पश्चिमी यूपी का एक और नाम जो बहुत चमका वो नाम है परवीन कुमार का। 2 अक्तूबर 1986 को मेरठ में पैदा हुए परवीन दाएं हाथ के मध्यम गति के गेंदबाज हैं और गेंद को दोनों तरफ स्विंग करवाने का माद्दा रखते हैं। 2004 में अपने फस्र्ट क्लास कॅरियर की शुरुआत करने वाले परवीन ने 25 मैचों में 126 विकेट लेकर 21.50 की औसत से विकेट चटकाए। आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की तरफ से खेलकर परवीन ने ट्वंटी-20 में भी अपना दम दिखाया। परवीन फिलहाल शादी करने वाले हैं और अपना रेस्टोरेंट खोलना चाहते हैं।
क्रिकेट के अलावा पहलवानी में भी पश्चिमी यूपी का कोई तोड़ नहीं। बागपत के गांव मलकपुर के पहलवान राजीव तोमर ने अपने गांव के नाम में चार चांद लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। गांव मलकपुर की मिट्टी में पले बढ़े राजीव तोमर को इस साल अर्जुन अवार्ड पुरस्कार से भी नवाजा जाएगा। इससे पहले भी राजीव के नाम यश भारती अवार्ड, राजीव गांधी खेल रत्न, राष्ट्र खेलों में दो बार गोल्ड और एक सिल्वर मेडल समेत राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मेडलों की लंबी लिस्ट है। इसके अलावा वह 35 बार हिंद केसरी और भारत केसरी खिताब से भी नवाजे जा चुके हैं। सन 1995 में गांधीनगर गुजरात में हुई कुश्ती प्रतियोगिता से अपने कॅरियर की शुरुआत करने वाले राजीव तोमर अर्जुन अवार्ड दिए जाने की घोषणा से काफी खुश हैं। उनका कहना है कि पिता श्याम सिंह तोमर की प्रेरणा और गांव के कोच रहे इकबाल सिंह के मार्ग दर्शन का ही नतीजा है कि वह इस मुकाम तक पहुंचे। फिलहाल वह दिल्ली के गुरु हनुमान अखाड़े में रहकर तैयारी करते हैं और रेलवे में सीटीआई के पद पर कार्यरत हैं। गांव मलकपुर कि एक बड़ी उपलब्धि यह भी है कि इस गांव को राजीव के रुप में चौथा अर्जुन अवार्डी मिला है। इससे पहले 1987 में पहलवान सुभाष तोमर, 1999 में शूटर विवेक तोमर, 2004 में पहलवान शौकेंद्र तोमर भी अर्जुन अवार्ड से नवाजे जा चुके हैं। यही नहीं पहलवानों का गांव कहे जाने वाले इस गांव के घर-घर में भविष्य के अर्जुन अवार्डी तैयार हो रहे हैं। यही कारण है इस गांव में करीब दो सौ ऐसे पहलवान हैं,जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफलता के परचम लहरा चुके हैं।
क्रिकेट और पहलवानी के अलावा पश्चिमी यूपी के निशानेबाज भी अचूक निशाना साधने में माहिर हैं। बागपत के गांव जौहड़ी की रहने वाली निशानेबाज सीमा तोमर ने बीजिंग में सिल्वर मैडल जीतकर पश्चिमी यूपी को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर ख्याति दिलाई है। सीमा की मां प्रकाशी देवी भी शूटर है और सीमा ने अपने गांव में ही शूटिंग के गुर सीखे हैं। सीमा को पूरा भरोसा है कि वह अक्टूबर में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जरूर जीतेगी। वह मानती हैं कि परिवार के सहयोग के बिना वह शॉटगन में इस मुकाम तक नहीं पहुँच पाती क्योंकि यह काफी मुश्किल था। राष्ट्रीय चैम्पियनशिप और जयपुर, कजाखस्तान के अलमांटी और बैंकाक में एशियाई क्ले स्पर्धा में पदक जीत चुकी सीमा के मुताबिक उसे अच्छा प्रदर्शन करने की प्रेरणा मेरी माँ (प्रकाशी) से मिलती है जो खुद राष्ट्रीय स्तर की निशानेबाज रह चुकी हैं।

Saturday, August 14, 2010

सौंदर्य की दुनिया में निखारें अपना भविष्य

ब्यूटी वल्ड में युवाओं के लिए अपार संभावनाएं हैं। पहले इस क्षेत्र को लड़कियों के लिए ही माना जाता था पर अब लोगों की सोच बदली है। इसके अलावा यह एक ऐसा क्षेत्र भी है जिसे कम खर्च में शुरू किया जा सकता है और इसे व्यापार के तौर पर शुरू कर सकते
इमरान खान
आज जिंदगी की
भागदौड़ में हर कोई सुंदर और स्मार्ट दिखना चाहता है। दूसरों से हटकर दिखने की चाह में युवा सुंदर दिखने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। इसी कारण भारत में ब्यूटी इंडस्ट्री तेजी से ग्रोथ कर रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस समय ब्यूटी बिजनेस लगभग 11 हजार करोड़ तक पहुंच चुका है। मार्केट के जानकारों का अनुमान है कि अगले कुछ वर्षों में यह इंडस्ट्री 30-35 फीसद की रफ्तार से आगे बढ़ रही है। अगर हम भारतीय ब्यूटी इंडस्ट्री की बात करें तो यह लगभग 4580 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है।
क्या है कॉस्मेटोलॉजी- आजकल युवाओं में कॉस्मेटोलॉजी के प्रति दीवानगी काफी बढ़ रही है। इसका एक कारण यह भी है कि आज के फैशन व ग्लैमर वल्र्ड में कॉस्मेटोलॉजिस्ट की डिमांड काफी बढ़ गई है। कॉस्मेटोलॉजिस्ट वह व्यक्ति होता है जिसे फैशन के बारे में पूरी जानकारी होती है। अब इस क्षेत्र में पुरुष भी आने लगे हैं पर लड़कियां अभी भी इसे ड्रीम करियर के तौर पर ही देखती हैं।
कॉस्टमेटोलॉजिस्ट का कार्य- कॉस्मेटोलॉजी में ब्यूटी थैरेपी से लेकर हेल्थ केयर तक सब कुछ जुड़ा होता है। इसमें व्यक्ति के शरीर, चेहरे और बालों आदि पर काम करके व्यक्ति की सुंदरता को और निखारा जाता है। एक ब्यूटीशियन का काम अपने ग्राहकों के लुक व एपियरेंस को आकर्षक बनाना, हेयर स्टाइल, त्वचा की देखभाल, मेनीक्योर आदि का ध्यान रखना है।
योग्यता- एक मेडिकल कॉस्मेटोलॉजिस्ट या कॉस्मेटिक डर्मेटालॉजिस्ट बनने के लिए आपके पास एमबीबीएस के बाद डर्मेटालॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री (एमडी या डिप्लोमा/डीएनबी) होना चाहिए। हालांकि नॉन मेडिकल कॉस्मेटोलॉजिस्ट बनने के लिए किसी खास प्रोफेशनल डिग्री की जरूरत नहीं होती। जिन लोगों की इस क्षेत्र में खास दिलचस्पी है और ब्यूटी केयर में करियर बनाना चाहते हैं वो स्कूल खत्म होने के बाद भी इसे अपना सकते हैं। एक ब्यूटीशियन को इस क्षेत्र से जुड़ी प्रैक्टिकल नॉलेज होनी जरूरी है। इस प्रोफेशन में समय और अनुभव के साथ आपकी कला में निखार आता है। अगर आप जल्द से जल्द ब्यूटी वल्र्ड में प्रवेश करना चाहते हैं तो शार्ट टर्म कोर्स आपके लिए सही होगा।
पर्सनल स्किल- ब्यूटी वल्र्ड में करियर बनाने के लिए जरूरी है कि आपमें लोगों को खूबसूरत बनाने की काबलियत होनी चाहिए। इसके साथ ही आपको क्रियटिव सोच होना भी बेहद जरूरी है। इसके अलावा बिजनेस की अच्छी समझ और खुद की कला को बेहतर तरीके से प्रकट करने की खूबी भी होनी चाहिए। ब्यूटीशियन बनने के लिए एक और जरूरी बात यह है कि आप ब्यूटी सर्किट में आ रहे नए-नए रुझानों के प्रति खुद को लगातार अपडेट करते रहें। ब्यूटीशियन को फ्रेंडली, मिलनसार और आत्मविश्वासी भी होना चाहिए। सोच समझकर चुनेंकई बार युवा सिर्फ कमाई या बड़े नाम के आकर्षण की वजह से गलत करियर का चुनाव कर लेते हैं। यदि आप सजने-सजाने के शौकीन हैं, तभी इस करियर का चुनाव करें। कभी भी दूसरों की सुनी-सुनाई बातों पर ध्यान न दें। इससे आप न केवल परेशान हो सकते हैं, बल्कि अपने काम को भी ठीक ढंग से अंजाम नहीं दे सकते।
रोजगार के मौके- इस क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों को कॉस्मेटिक उत्पाद निर्मित करने वाली कंपनियों में नौकरी मिल सकती है। खासकर इन कंपनियों में आप बतौर ब्यूटी एग्जिक्यूटिव, कॉस्मेटोलॉजिस्ट व ब्यूटी एडवाइजर के तौर पर करियर की शुरुआत कर सकते हैं। कॉस्मेटोलॉजी के विशिष्ट क्षेत्रों मसलन हेयरस्टाइलिंग, स्किन केयर, कॉस्मेटिक्स, मेनीक्योर/पेडीक्योर तथा इलेक्ट्रोलॉजी से संबंधित क्षेत्र में कई तरह के रोजगार उपलब्ध हो सकते हैं। ब्यूटी सैलून, स्पा, रिसॉर्ट और होटल इत्यादि में भी आप कॉस्मेटोलॉजिस्ट बनने के बाद रोजगार पा सकते हैं। अनुभवी कॉस्मेटोलॉजिस्ट और खासकर मेकअप आर्टिस्ट्स और हेयर स्टाइलिस्ट्स की फैशन, एडवरटाइजिंग, फिल्म, टेलीविजन और थिएटर इंडस्ट्री में जबरदस्त मांग है। आप चाहें तो किसी हेल्थ क्लब या इससे जुड़े किसी क्षेत्र में बतौर इंस्ट्रक्टर भी नियुक्त हो सकते हैं या कॉस्मेटोलॉजी स्कूल में पढ़ा भी सकते हैं। अखबार, पत्र-पत्रिकाओं और वेब पब्लिकेशंस के लिए भी बतौर सलाहकार काम किया जा सकता है।
सैलरी पैकेज- यदि आप अपने करियर की शुरुआत किसी ब्यूटी पार्लर से करते हैं तो शुरुआती दौर में आप प्रति माह 5000 से 8000 रुपये कमा सकते हैं। शादी-विवाह के सीजन में तो आप कई गुना ज्यादा कमाई कर सकते हैं। एडवरटाइजिंग कैंपेन की खातिर मेकअप और हेयर ड्रेसिंग के लिए आप एक दिन में 1500 से 2000 रुपये आसानी से कमा सकते हैं।
पार्लर तो है ही- कॉरपोरेट पार्टियों, किटीज पार्टियों, वैवाहिक, सांस्कृतिक आयोजनों में भाग लेने वाले लोगों द्वारा ब्यूटी पार्लरों में जाने की बढ़ते चलन के कारण ब्यूटी पार्लरों का मार्केट बढ़ता जा रहा है। इनमें कॉस्मेटोलॉजिस्ट को अच्छे अवसर प्राप्त हो रहे हैं। स्वयं का ब्यूटी पार्लर खोलकर भी अच्छी कमाई की जा सकती है। इन ब्यूटी पार्लरों में अन्य इच्छुक लोगों को प्रशिक्षण देकर भी कमाई की जा सकती है। वर्तमान में गली-मोहल्लों से लेकर फाइव स्टार होटलों तक ब्यूटी पार्लर के ग्राहक मिल जाते हैं। ब्यूटी प्रशिक्षण संस्थानों में भी प्रशिक्षकों के रूप में कॉस्मेटोलॉजिस्ट को रोजगार मिल जाता है। हेल्थ सेंटरों में भी कॉस्मेटोलॉजिस्ट को कंसल्टेंट के रूप में काम मिलता है। अखबारों, मैगजीनों, टीवी चैनलों, वेबसाइटों के लिए भी कॉस्मेटोलॉजिस्ट कंसल्टेंट के रूप में नियुक्त किए जा रहे हैं। लाइफ स्टाइल मैगजीनों के लिए तो कॉस्मेटोलॉजिस्ट कंटेंट मुहैया कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कॉस्मेटोलॉजिस्ट के रूप में अगर आपने नाम कमा लिया तो धन एवं शोहरत आपके कदमों में होगी।
छोटे से भी कर सकते हैं शुरुआत- सात सालों से ब्यूटी एरोमा नामक बुटीक चला रही सीमा बताती हैं कि अगर युवा खासकर लड़कियां इसको प्रोफेशन के तौर पर अपनाना चाहती हैं तो उनके भविष्य के लिए काफी अच्छा रहेगा। जो इस फील्ड में रोजगार पाना चाहते हैं उन्हें कम से कम एक साल की ट्रेनिंग लेनी चाहिए। युवा कोई शॉट टर्म कोर्स करने के बाद भी इस फिल्ड में करियर बना सकते हैं। अगर वो किसी पार्लर में ही काम सिख कर शुरुआत करना चाहते हैं तो वो भी बुरा नहीं है।
महिलाओं के लिए अच्छा ऑप्शन- महिलाएं पार्लर खोलकर अपने घर से ही रोजगार शुरू कर सकती हैं। लगभग 25 से 30 हजार में छोटा पार्लर खोलकर महिलाएं अपने लिए तो रोजगार शुरू कर ही सकती हैं, साथ ही परिवार का सहारा भी बन सकती हैं।
ब्यूटी इंस्टीट्यूट्स- Women’s Training Institute, Bangla Saheb Lane, New Delhi, http://www.worldywca.org/ Women’s Polytechnic, Maharani Bagh, New Delhi – 110065 Akbar Peerbhoy, Girl’s Polytechnic Fort, Mumbai - 400001 mAmity University, Sector 125, Noida, http://www.amity.edu/ Shahnaz Hussain’s Woman’s World, International Institute of Beauty, M-106, Greater Kailash – 1; New Delhi – 110048, http://www.shah/ naz- husain.com mVLCC Inst itute of Beauty, Health and Manag ement, www. vlcc insti tute. com mWomen’s Polyt echnic, Maharani Bagh, New Delhi