कॅरियर को लेकर आज के युवाओं में जितनी सर्तकता है उतना ही असमंजस भी। तमाम विकल्पों में से किसी एक को चुनने की कवायद में कई तरह के सवाल उठना लाज़मी है। ऐसे ही कुछ सवालों को लेकर इमरान खान ने चर्चा की सीबीआई के पूर्व निदेशक और जाने-माने कॅरियर काउंसलर जोगिंदर सिंह से। पेश है बातचीत के कुछ खास अंश।
अभी-अभी हम मंदी के दौर से गुजरे हैं जिसके कारण युवाओं ने भारी संख्या में नौकरियां गवाईं हैं। उन युवाओं के सामने क्या चुनौतियां हैं?
मैं युवाओं को यही कहना चाहूंगा कि जो हुआ उसे भूल कर नईं शुरुआत करें। काम चाहे कोई भी हो पूरी मेहनत और शिद्दत के साथ करें क्योंकि जितना गुड़ डालो मीठा उतना ही होता है। काम को काम समझ कर करें, सिर्फ छोटा-बड़ा समझ कर किसी काम को छोडऩा ठीक नहीं। मेहनत से काम करें सफलता जरूर मिलेगी।
ग्रेडिंग सिस्टम शुरू होने के कारण कोई फेल नहीं हुआ जिससे आत्महत्याएं बंद हो गई, यह तो ठीक है पर भविष्य में ग्रेडिंग सिस्टम कितना प्रभावशाली रहेगा?
यह सच है कि ग्रेडिंग सिस्टम से कोई फेल नहीं हुआ। ग्रेड चाहे कोई भी हो सभी पास हुए हैं। युवाओं के लिए ये तो शुरुआत है। कम्पीटीशन तो वह 12वीं की परीक्षा के बाद फेस करेंगे। अगर उन्होंने बिना पढ़ाई किए कम ग्रेड में परीक्षा पास कर भी ली तो उसका कोई फायदा नहीं क्योंकि जब वो कम्पीटीशन एग्जाम में बैठेंगे तो उन्हें अपनी काबलीयत का पता चलेगा। फिर उनके पास कोई रास्ता नहीं बचेगा। इसलिए ठीक तो यही होगा कि अच्छी तरह पढ़ाई करें और अच्छे ग्रेड लेकर ही आगे बढ़े ताकि आपके भविष्य की राह आसान हो सके।
प्रोफैशनल कोर्स करने के बाद भी जिन युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही उन्हें क्या करना चाहिए?
बिजनैस करें। अगर प्रोफैशनल कोर्स करने के बाद नौकरी नहीं मिल रही तो सारी उमर इसका रोना रोने से भी कोई फायदा नहीं। अच्छा यही होगा कि वह अपना खुद का बिजनैस शुरू करें और अपने साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार दें। शुरुआत सब छोटे से ही करते हैं, इसलिए चाहे छोटा ही हो अपना बिजनैस ही करें।
अभी-अभी हम मंदी के दौर से गुजरे हैं जिसके कारण युवाओं ने भारी संख्या में नौकरियां गवाईं हैं। उन युवाओं के सामने क्या चुनौतियां हैं?
मैं युवाओं को यही कहना चाहूंगा कि जो हुआ उसे भूल कर नईं शुरुआत करें। काम चाहे कोई भी हो पूरी मेहनत और शिद्दत के साथ करें क्योंकि जितना गुड़ डालो मीठा उतना ही होता है। काम को काम समझ कर करें, सिर्फ छोटा-बड़ा समझ कर किसी काम को छोडऩा ठीक नहीं। मेहनत से काम करें सफलता जरूर मिलेगी।
ग्रेडिंग सिस्टम शुरू होने के कारण कोई फेल नहीं हुआ जिससे आत्महत्याएं बंद हो गई, यह तो ठीक है पर भविष्य में ग्रेडिंग सिस्टम कितना प्रभावशाली रहेगा?
यह सच है कि ग्रेडिंग सिस्टम से कोई फेल नहीं हुआ। ग्रेड चाहे कोई भी हो सभी पास हुए हैं। युवाओं के लिए ये तो शुरुआत है। कम्पीटीशन तो वह 12वीं की परीक्षा के बाद फेस करेंगे। अगर उन्होंने बिना पढ़ाई किए कम ग्रेड में परीक्षा पास कर भी ली तो उसका कोई फायदा नहीं क्योंकि जब वो कम्पीटीशन एग्जाम में बैठेंगे तो उन्हें अपनी काबलीयत का पता चलेगा। फिर उनके पास कोई रास्ता नहीं बचेगा। इसलिए ठीक तो यही होगा कि अच्छी तरह पढ़ाई करें और अच्छे ग्रेड लेकर ही आगे बढ़े ताकि आपके भविष्य की राह आसान हो सके।
प्रोफैशनल कोर्स करने के बाद भी जिन युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही उन्हें क्या करना चाहिए?
बिजनैस करें। अगर प्रोफैशनल कोर्स करने के बाद नौकरी नहीं मिल रही तो सारी उमर इसका रोना रोने से भी कोई फायदा नहीं। अच्छा यही होगा कि वह अपना खुद का बिजनैस शुरू करें और अपने साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार दें। शुरुआत सब छोटे से ही करते हैं, इसलिए चाहे छोटा ही हो अपना बिजनैस ही करें।
फिल्म इंडस्ट्री में ग्लैमर के कारण लोग महंगे कोर्स चुनते तो हैं पर कामयाबी नहीं मिलती क्या कहेंगे?
फिल्म इंडस्ट्री में कामयाब होने में जिंदगी निकल जाती है। अगर युवा समझते हैं कि कोर्स करने के तुरंत बाद ही उन्हें कामयाबी मिल जाएगी तो यह उनकी भूल है। इस इंडस्ट्री में तपस्या करनी पड़ती है, तपना पड़ता है तब जाकर सफलता मिलती हैं, और हां सिखर पर जगह बहुत कम होती है वहां कुछ ही लोग ठहर सकते हैं और वो भी कुछ समय के लिए। इसलिए ग्लैमर से प्रभावित होकर किसी कोर्स को तभी चुनें जब आपमें दुनिया जीतने की हिम्मत हो।
युवा विदेशों में पढऩे जाते हैं और फिर वहीं सैटल हो जाते हैं। इस बारे में आपके क्या विचार हैं?
युवा विदेशों में पढऩे जाते हैं और अगर उन्हें वहीं अच्छी नौकरी मिल जाती है तो वहां रहने में बुराई क्या है। आखिर पढ़ाई भी तो उन्होंने अच्छी नौकरी पाने के लिए ही की है।
आपके हिसाब से युवाओं को करियर प्लानिंग कब से शुरू कर देनी चाहिए?
देखिए, जितनी जल्दी बीज बोया जाएगा उतनी जल्दी ही उसमें पौधा लगेगा जो आगे जाकर पेड़ बन कर दूसरों को छाया देगा। युवा जितनी जल्दी अपना रोड मैप तैयार करके उस पर चलना शुरू कर देंगे उतनी जल्दी ही वह संघर्ष के रास्ते को पार कर के कामयाबी की मंजिल तक पहुंच सकेंगे। अपनी रूचि के हिसाब से यह फैसला कर लें कि आपको कौन सी फिल्ड चुननी है और उस पर काम शुरू कर दें। अक्सर युवा +2 के बाद ही यह सोचना शुरू करते हैं कि उन्हें डॉक्टर बनना है या इंजीनियर, ये ठीक नहीं है। अगर किसी ने आईएएस या आईपीएस की परीक्षा पास करनी है तो वह सातवीं या आठवीं से ही उस बारे में सोचना शुरू कर दे और जब वह 12वीं पास करेगा तो काफी हद तक उसकी तैयारी हो चुकी होगी। इसलिए मेहनत से काम करें आपको कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता।
कोचिंग इंस्टीट्यूट बहुत खुल रहे हैं। हर कोई पास होने की 100 फीसद गारंटी देता है ये कहां तक ठीक है?
ये सब दुकानें हैं। लोगों ने मुनाफे के लिए दुकानें खोल रखी हैं। इनमें से कुछ अच्छे लोग भी हैं मगर बुरे लोगों के कारण अच्छों का भट्टा भी बैठ गया है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई करके इनको बंद करवा देना चाहिए।
आज हर युवा अंग्रेजी में ही पढऩा पसंद करता है। हिन्दी में पढ़ाई तो किसी को मंजूर ही नहीं। ऐसा क्यों?
नहीं ऐसा नहीं है, आजकल युवा हिंदी को भी उतना ही महत्व देते हैं जितना कि अंग्रेजी को। दूसरी भाषा को सिखने का क्रेज अच्छी बात है पर उस चक्कर में अपनी भाषा को भूलना बुरी बात है। इसलिए मैं तो युवाओं को यही कहूंगा कि अपनी भाषा को में पढ़ाई करें ताकि वो दुनिया में और प्रसिद्ध हो सके।
आने वाले समय के उभरते क्षेत्र क्या होंगे?
इंफ्रास्ट्रक्चर, इंडस्ट्री और निर्माण कार्यों में आने वाले समय में युवाओं के लिए अच्छे भविष्य की उम्मीद की जा सकती है। बशर्ते कि वो मेहनत करने से पीछे ना हटे।
युवाओं को उज्जवल भविष्य की प्लानिंग के लिए क्या संदेश देंगे।
युवा एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए दिन 24 घंटों का ही होता है। इसलिए आपकों उन्हीं 24 घंटों में कुछ अजूबा करना होगा तभी दुनिया आपको याद करेगी। 24 घंटों में अगर आप 8 घंटे सोते हैं, 8 घंटे काम करते हैं, 2-3 घंटे आपके खाने पीने में खर्च होंगे, इसके बाद आपके पास सिर्फ 3-4 घंटे ही बचेंगे अगर आप वो भी मोबाइल पर बिताएंगे तो अच्छी बात नहीं। काम वही करें जो आपका दिल कहे। सिर्फ पढऩा ही बड़ी बात नहीं, दिल लगा कर पढऩा बड़ी बात है। किसी भी काम को टाले ना, काम खत्म करते चलें, अगर किसी से फोन पर बात भी करना चाहते हैं तो, बात करने के बाद ही दूसरा काम करें। इस तरह दिमाग पर बोझ नहीं रहेगा और आप अपनी पूरी एनर्जी अगले काम में लगा सकेंगे।
फिल्म इंडस्ट्री में कामयाब होने में जिंदगी निकल जाती है। अगर युवा समझते हैं कि कोर्स करने के तुरंत बाद ही उन्हें कामयाबी मिल जाएगी तो यह उनकी भूल है। इस इंडस्ट्री में तपस्या करनी पड़ती है, तपना पड़ता है तब जाकर सफलता मिलती हैं, और हां सिखर पर जगह बहुत कम होती है वहां कुछ ही लोग ठहर सकते हैं और वो भी कुछ समय के लिए। इसलिए ग्लैमर से प्रभावित होकर किसी कोर्स को तभी चुनें जब आपमें दुनिया जीतने की हिम्मत हो।
युवा विदेशों में पढऩे जाते हैं और फिर वहीं सैटल हो जाते हैं। इस बारे में आपके क्या विचार हैं?
युवा विदेशों में पढऩे जाते हैं और अगर उन्हें वहीं अच्छी नौकरी मिल जाती है तो वहां रहने में बुराई क्या है। आखिर पढ़ाई भी तो उन्होंने अच्छी नौकरी पाने के लिए ही की है।
आपके हिसाब से युवाओं को करियर प्लानिंग कब से शुरू कर देनी चाहिए?
देखिए, जितनी जल्दी बीज बोया जाएगा उतनी जल्दी ही उसमें पौधा लगेगा जो आगे जाकर पेड़ बन कर दूसरों को छाया देगा। युवा जितनी जल्दी अपना रोड मैप तैयार करके उस पर चलना शुरू कर देंगे उतनी जल्दी ही वह संघर्ष के रास्ते को पार कर के कामयाबी की मंजिल तक पहुंच सकेंगे। अपनी रूचि के हिसाब से यह फैसला कर लें कि आपको कौन सी फिल्ड चुननी है और उस पर काम शुरू कर दें। अक्सर युवा +2 के बाद ही यह सोचना शुरू करते हैं कि उन्हें डॉक्टर बनना है या इंजीनियर, ये ठीक नहीं है। अगर किसी ने आईएएस या आईपीएस की परीक्षा पास करनी है तो वह सातवीं या आठवीं से ही उस बारे में सोचना शुरू कर दे और जब वह 12वीं पास करेगा तो काफी हद तक उसकी तैयारी हो चुकी होगी। इसलिए मेहनत से काम करें आपको कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता।
कोचिंग इंस्टीट्यूट बहुत खुल रहे हैं। हर कोई पास होने की 100 फीसद गारंटी देता है ये कहां तक ठीक है?
ये सब दुकानें हैं। लोगों ने मुनाफे के लिए दुकानें खोल रखी हैं। इनमें से कुछ अच्छे लोग भी हैं मगर बुरे लोगों के कारण अच्छों का भट्टा भी बैठ गया है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई करके इनको बंद करवा देना चाहिए।
आज हर युवा अंग्रेजी में ही पढऩा पसंद करता है। हिन्दी में पढ़ाई तो किसी को मंजूर ही नहीं। ऐसा क्यों?
नहीं ऐसा नहीं है, आजकल युवा हिंदी को भी उतना ही महत्व देते हैं जितना कि अंग्रेजी को। दूसरी भाषा को सिखने का क्रेज अच्छी बात है पर उस चक्कर में अपनी भाषा को भूलना बुरी बात है। इसलिए मैं तो युवाओं को यही कहूंगा कि अपनी भाषा को में पढ़ाई करें ताकि वो दुनिया में और प्रसिद्ध हो सके।
आने वाले समय के उभरते क्षेत्र क्या होंगे?
इंफ्रास्ट्रक्चर, इंडस्ट्री और निर्माण कार्यों में आने वाले समय में युवाओं के लिए अच्छे भविष्य की उम्मीद की जा सकती है। बशर्ते कि वो मेहनत करने से पीछे ना हटे।
युवाओं को उज्जवल भविष्य की प्लानिंग के लिए क्या संदेश देंगे।
युवा एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए दिन 24 घंटों का ही होता है। इसलिए आपकों उन्हीं 24 घंटों में कुछ अजूबा करना होगा तभी दुनिया आपको याद करेगी। 24 घंटों में अगर आप 8 घंटे सोते हैं, 8 घंटे काम करते हैं, 2-3 घंटे आपके खाने पीने में खर्च होंगे, इसके बाद आपके पास सिर्फ 3-4 घंटे ही बचेंगे अगर आप वो भी मोबाइल पर बिताएंगे तो अच्छी बात नहीं। काम वही करें जो आपका दिल कहे। सिर्फ पढऩा ही बड़ी बात नहीं, दिल लगा कर पढऩा बड़ी बात है। किसी भी काम को टाले ना, काम खत्म करते चलें, अगर किसी से फोन पर बात भी करना चाहते हैं तो, बात करने के बाद ही दूसरा काम करें। इस तरह दिमाग पर बोझ नहीं रहेगा और आप अपनी पूरी एनर्जी अगले काम में लगा सकेंगे।
No comments:
Post a Comment